कोई भी ग्रह अपना स्थान परिवर्तित नहीं करता, अपितु उसकी शांति वैदिक मंत्रों एवं विधि द्वारा संपन्न करवाई जाती है | कुंडली में मौजूद ग्रह दोष व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, कष्ट और असफलता ला सकते हैं। 100% दोष निवारण का अर्थ है ऐसे उपाय अपनाना जो पूरी तरह से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त कर सकें और जीवन में सुख-समृद्धि लाएं।
मुख्य दोष और उनके निवारण उपाय:
- कालसर्प दोष:
- त्र्यंबकेश्वर, उज्जैन या काशी में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं।
- भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- पितृ दोष:
- अमावस्या या पितृ पक्ष में पिंडदान और तर्पण करें।
- वृद्ध और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- मंगल दोष:
- मंगलनाथ मंदिर (उज्जैन) में मंगल दोष निवारण पूजा करें।
- हनुमान जी की उपासना और सुंदरकांड का पाठ करें।
- शनि दोष:
- शनि मंदिर में तिल का दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
- पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें।
- ग्रह शांति पूजा:
- नवग्रह शांति यज्ञ करवाएं और हर ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।