अर्क विवाह/कुम्भ विवाह पूजा - Welcome to Ujjain Mangal Puja | Ujjain Kalsarpdosh Puja

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, गुरु चांडाल दोष या अन्य ग्रहों के अशुभ योगों के कारण व्यक्ति के विवाह में बाधाएँ आती हैं या विवाह के बाद समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। ऐसी स्थिति में अर्क विवाह और कुंभ विवाह के उपाय किए जाते हैं। ये दोनों धार्मिक अनुष्ठान विशेष रूप से उन लोगों के लिए किए जाते हैं जिनकी कुंडली में विवाह संबंधी दोष होते हैं, खासतौर पर मांगलिक दोष


1. अर्क विवाह (Arka Vivah) क्या है?

अर्क विवाह उस स्थिति में किया जाता है जब किसी लड़की की कुंडली में गुरु चांडाल दोष, सूर्य दोष, या किसी अन्य ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण उसका विवाह प्रभावित होता है। इस विवाह में लड़की का पहले एक अर्क वृक्ष (मदार के पेड़) से विवाह कराया जाता है ताकि नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाएँ और बाद में उसका वास्तविक विवाह बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।

अर्क विवाह के लाभ:

✅ गुरु चांडाल दोष और सूर्य दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
✅ लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
✅ वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों का निवारण होता है।
✅ परिवार को मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


2. कुंभ विवाह (Kumbh Vivah) क्या है?

कुंभ विवाह मुख्य रूप से उन मांगलिक लड़कियों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष है। ऐसी मान्यता है कि अगर मांगलिक लड़की का सीधा विवाह कर दिया जाए, तो उसके पति की उम्र कम हो सकती है या विवाह के बाद कठिनाइयाँ आ सकती हैं। इसलिए मंगल दोष को शांत करने के लिए लड़की का पहले एक घड़े (कुंभ) से विवाह कराया जाता है और फिर उस घड़े को बहा दिया जाता है।

कुंभ विवाह के लाभ:

✅ मांगलिक दोष का निवारण होता है।
✅ पति के जीवन पर मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
✅ विवाह में आ रही देरी समाप्त होती है और शीघ्र विवाह योग बनता है।
✅ सुखी दांपत्य जीवन की संभावनाएँ बढ़ती हैं।


किसे करनी चाहिए ये पूजा?

अर्क विवाह – जिन लड़कियों की कुंडली में गुरु चांडाल दोष या सूर्य दोष हो।
कुंभ विवाह – जिन लड़कियों की कुंडली में मंगल दोष (मांगलिक योग) हो।


निष्कर्ष

अर्क विवाह और कुंभ विवाह वैदिक उपाय हैं, जो उन लड़कियों के लिए किए जाते हैं जिनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण विवाह में बाधाएँ आती हैं। इन उपायों को करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव समाप्त होता है और विवाह सुखद और सफल होता है। इसलिए यदि कुंडली में कोई दोष हो, तो किसी योग्य ब्राह्मण या ज्योतिषी से परामर्श लेकर सही पूजा संपन्न करानी चाहिए।

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