ग्रहण दोष पूजा - Welcome to Ujjain Mangal Puja | Ujjain Kalsarpdosh Puja

ग्रहण दोष क्या होता है?

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य या चंद्रमा पर राहु या केतु की छाया पड़ती है, तो इसे ग्रहण दोष कहा जाता है। यदि सूर्य ग्रहण के समय सूर्य और राहु/केतु एक साथ हों या चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा और राहु/केतु एक साथ हों, तो यह दोष बनता है। इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, करियर में बाधाएँ, आर्थिक नुकसान, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएँ और नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

ग्रहण दोष के प्रभाव

  1. सूर्य ग्रहण दोष – पिता से संबंध खराब होते हैं, आत्मविश्वास की कमी होती है, करियर में असफलता और सरकारी कार्यों में बाधा आती है।
  2. चंद्र ग्रहण दोष – मानसिक तनाव, माता के स्वास्थ्य में समस्या, भावनात्मक अस्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होती है।
  3. विवाह में देरी – यदि यह दोष सप्तम भाव में हो, तो विवाह में विलंब और वैवाहिक जीवन में समस्याएँ आती हैं।
  4. स्वास्थ्य समस्याएँ – सिर दर्द, आंखों की समस्या, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और मानसिक विकार हो सकते हैं।
  5. आर्थिक समस्याएँ – राहु और केतु की अशुभ स्थिति धन हानि, कर्ज़ और व्यापार में असफलता का कारण बनती है।

ग्रहण दोष पूजा के लाभ

मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
स्वास्थ्य समस्याएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
करियर, नौकरी और व्यापार में बाधाएँ समाप्त होती हैं।
पारिवारिक कलह और वैवाहिक समस्याएँ कम होती हैं।
आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और कर्ज़ से मुक्ति मिलती है।
ग्रहण के प्रभाव से होने वाली दुर्घटनाओं और अचानक होने वाले नुकसान से बचाव होता है।


विशेष उपाय (टोटके) ग्रहण दोष से मुक्ति के लिए

  1. सूर्य ग्रहण दोष के लिए – हर दिन सुबह सूर्य को जल अर्पण करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  2. चंद्र ग्रहण दोष के लिए – सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  3. राहु-केतु से बचाव के लिए – काले कुत्ते, काली गाय, या कौवे को रोटी खिलाएँ।
  4. ग्रहण के समय कोई शुभ कार्य न करें – ग्रहण के दौरान भोजन करने, सोने और यात्रा करने से बचें।
  5. रुद्राक्ष धारण करें – 8 मुखी या 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से ग्रहण दोष का प्रभाव कम होता है।

निष्कर्ष

ग्रहण दोष एक गंभीर ज्योतिषीय दोष है, जो जीवन में कई समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। सही समय पर ग्रहण दोष निवारण पूजा, हवन और उपाय करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि आप ग्रहण दोष से प्रभावित हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या ब्राह्मण से परामर्श लेकर उचित उपाय करें।

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