मंगल दोष भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह दोष माना जाता है, जिसे मांगलिक दोष, कुजा दोष या अंगारक दोष भी कहा जाता है। यह तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है। इस दोष से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी बाधाएं आ सकती हैं। मंगल दोष के निवारण के लिए विशेष मंगल दोष पूजा की जाती है, जिससे इस दोष के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।
मंगल दोष का प्रभाव
- विवाह में देरी – जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके विवाह में देरी होती है या सही जीवनसाथी मिलने में कठिनाई आती है।
- वैवाहिक जीवन में समस्याएं – शादीशुदा जीवन में तनाव, विवाद, अलगाव या तलाक की संभावना अधिक होती है।
- आर्थिक समस्याएं – मंगल दोष से आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है, जिससे कर्ज बढ़ सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं – सिरदर्द, रक्तचाप, दुर्घटनाएं और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- क्रोध और आक्रामक स्वभाव – व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, क्रोध और अस्थिरता बनी रहती है।
मंगल दोष की शांति के लिए पूजा का महत्व
मंगल दोष के निवारण के लिए मंगल दोष पूजा एक प्रभावी उपाय है। यह पूजा मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त करने और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है। यह विशेष रूप से उज्जैन में की जाती है। उज्जैन का अंगारेश्वर मंदिर / मंगलनाथ मंदिर मंगल दोष की शांति के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
मंगल दोष पूजा के लाभ
- विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- वैवाहिक जीवन में शांति और सौहार्द बढ़ता है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन कम होता है।
- जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
निष्कर्ष
मंगल दोष यदि कुंडली में हो, तो इसके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए मंगल दोष पूजा करवाना अत्यंत लाभकारी होता है। उज्जैन में विशेष रूप से यह पूजा कराई जाती है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। अगर आपको मंगल दोष से संबंधित कोई समस्या है, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेकर यह पूजा करवाएं और मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त करें। 🚩