हिंदू धर्म में तुलसी विवाह, वट विवाह और विष्णु विवाह तीनों ही धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं। ये विवाह धार्मिक मान्यताओं, पौराणिक कथाओं और भक्तों की श्रद्धा से जुड़े हुए हैं। इनका आयोजन विशेष रूप से सौभाग्य, सुख-समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
तुलसी विवाह (Tulsi Vivah)
तुलसी विवाह क्या है?
तुलसी विवाह देवी तुलसी (वृंदा) और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप के बीच एक आध्यात्मिक विवाह समारोह है। यह विवाह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी एकादशी) को संपन्न किया जाता है और इसे हिंदू विवाह उत्सवों की शुरुआत माना जाता है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वृंदा (तुलसी) असुर राजा जलंधर की पत्नी थीं। उनकी भक्ति से जलंधर अजेय हो गया था। देवताओं ने जलंधर को पराजित करने के लिए छल किया, जिससे वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग हो गया। क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया और स्वयं तुलसी के पौधे के रूप में परिवर्तित हो गईं। बाद में भगवान विष्णु ने तुलसी से विवाह कर उन्हें सम्मान प्रदान किया।
लाभ
✅ तुलसी विवाह करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
✅ विवाह योग्य कन्याओं के विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
✅ परिवार में धन, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।
✅ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
वट विवाह (Vat Vivah)
वट विवाह क्या है?
वट विवाह एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें विवाहिता महिलाएँ वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाता है और इसे वट सावित्री व्रत भी कहा जाता है।
पौराणिक कथा
कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के जीवन को पुनः प्राप्त करने के लिए यमराज से लड़ाई लड़ी और अपनी अटूट भक्ति से उनके जीवन को वापस ले आईं। इसी कारण इस दिन महिलाएँ वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।
लाभ
✅ पति की दीर्घायु और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।
✅ महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
✅ पारिवारिक सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
विष्णु विवाह (Vishnu Vivah)
विष्णु विवाह क्या है?
विष्णु विवाह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के विवाह का उत्सव है। यह मुख्य रूप से मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (वैकेशन एकादशी) को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
पौराणिक कथा
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का विवाह दिव्य कथा से जुड़ा है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब माँ लक्ष्मी प्रकट हुईं, तो उन्होंने भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना। इस विवाह का आयोजन देवताओं ने बड़े धूमधाम से किया था। इसलिए इस दिन विष्णु विवाह का उत्सव मनाया जाता है।
लाभ
✅ धन, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
✅ व्यापार और करियर में सफलता मिलती है।
✅ विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
✅ घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
निष्कर्ष
तुलसी विवाह, वट विवाह और विष्णु विवाह तीनों ही धार्मिक अनुष्ठान जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने वाले हैं। तुलसी विवाह शुद्ध प्रेम और विवाह के सुखद जीवन का प्रतीक है, वट विवाह पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है, और विष्णु विवाह धन-समृद्धि और वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक है। इन सभी अनुष्ठानों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से परिवार में शांति, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।