उज्जैन मंगल भात पूजा का महत्व क्यों है - Welcome to Ujjain Mangal Puja | Ujjain Kalsarpdosh Puja

उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर अपनी विशेष ‘भात पूजा’ के लिए प्रसिद्ध है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पूजा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, जिनकी जन्म कुंडली में मंगल दोष उपस्थित होता है।

मंगल दोष का प्रभाव:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष या कुजा दोष कहा जाता है। इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:

  • विवाह में विलंब या वैवाहिक जीवन में तनाव।
  • पारिवारिक कलह और अस्थिरता।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, विशेषकर रक्त से जुड़ी बीमारियाँ।
  • आर्थिक कठिनाइयाँ और कर्ज का बोझ।

भात पूजा का महत्व:

मंगलनाथ मंदिर में आयोजित भात पूजा का मुख्य उद्देश्य मंगल दोष के निवारण के साथ-साथ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाना है। इस पूजा के दौरान भगवान शिव, जो यहाँ मंगलनाथ के रूप में प्रतिष्ठित हैं, का विशेष ‘भात श्रृंगार’ किया जाता है। ‘भात’ का अर्थ है चावल, और इस पूजा में भगवान को चावल का भोग अर्पित किया जाता है।

मान्यता है कि इस विशेष पूजा के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। भात पूजा के दौरान 44,000 मंत्रों का जाप किया जाता है, जो जीवन से मंगल दोष, विवाह संबंधी समस्याओं और तनाव को दूर करने में प्रभावी माना जाता है। यह एक अत्यंत शक्तिशाली पूजा है, जो रक्त संबंधी रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है, कर्ज से मुक्ति दिलाती है, और जीवन में समृद्धि लाती है।

उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर का महत्व:

उज्जैन, जिसे प्राचीन काल में अवंतिका के नाम से जाना जाता था, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर है। मंगलनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह स्थान मंगल ग्रह का जन्मस्थल है। इस मंदिर में की जाने वाली भात पूजा विशेष रूप से मंगल दोष के निवारण के लिए प्रसिद्ध है। देश-विदेश से अनेक श्रद्धालु यहाँ आकर इस पूजा में सम्मिलित होते हैं, ताकि वे अपने जीवन में मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पा सकें।

अतः, उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में संपन्न होने वाली भात पूजा ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पूजा न केवल मंगल दोष के निवारण में सहायक है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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