उज्जैन, जिसे प्राचीन काल में अवंतिका के नाम से जाना जाता था, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर है। यहां स्थित ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रसिद्ध है जो कर्ज या ऋण से मुक्ति की कामना करते हैं। इस मंदिर का प्राचीन महत्व और यहां की पूजा विधियों के बारे में अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं।
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर का प्राचीन महत्व:
मान्यता है कि सतयुग में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र ने इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी। कहानी के अनुसार, राजा हरिश्चंद्र को ऋषि विश्वामित्र को एक गेंडे के वजन के बराबर सोना दान में देना था, जिसके लिए उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर स्थित इस मंदिर में भगवान शिव की तपस्या की। भगवान शिव की कृपा से राजा हरिश्चंद्र ने अपना ऋण चुकाया और ऋणमुक्त हुए। इस घटना के बाद से यह स्थान ऋणमुक्तेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
ऋण मुक्ति पूजा और उसकी विधि:
मंदिर में ऋण मुक्ति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसे ‘पीली पूजा’ के नाम से जाना जाता है। इस पूजा का विशेष महत्व शनिवार के दिन होता है। पीली पूजा में भक्तगण पीले कपड़े में चने की दाल, पीले फूल, हल्दी की गांठ और गुड़ बांधकर एक पोटली बनाते हैं। इस पोटली को शिप्रा नदी की बहती जलधारा में अपनी मनोकामना के साथ अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही, ‘ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव से ऋण मुक्ति की प्रार्थना की जाती है।
मंदिर की विशेषताएं:
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है, जो इसकी आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ाता है। यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि भगवान शिव के इस रूप के दर्शन मात्र से ही उनके जीवन के समस्त ऋण समाप्त हो जाते हैं। चाहे वह व्यक्तिगत ऋण हो, बैंक लोन हो या किसी अन्य प्रकार का कर्ज, भगवान ऋणमुक्तेश्वर की कृपा से सभी समस्याओं का समाधान संभव है।
आधुनिक संदर्भ में महत्व:
आज के समय में, जब अनेक लोग आर्थिक समस्याओं और कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं, ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करना उनके लिए आशा की किरण साबित हो सकता है। यहां की प्राचीन परंपराएं और पूजा विधियां भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करती हैं और उन्हें विश्वास दिलाती हैं कि भगवान शिव की कृपा से वे अपने आर्थिक संकटों से उबर सकते हैं।
निष्कर्ष:
उज्जैन का ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है जो आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां की प्राचीन मान्यताएं और पूजा विधियां भक्तों को भगवान शिव की अनुकंपा प्राप्त करने में सहायक हैं, जिससे वे अपने जीवन के ऋणों से मुक्ति पा सकते हैं और सुखमय जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।